स्टार्टअप, जिसके द्वारा कई एंटरप्रेन्योर मिलकर अपने प्रोड्क्टड्स या सर्विस को मार्केट मे लाकर अपनी पहचान बनाते हैं, ऐसे ही स्टार्टअप्स के लिए इंडियन गवर्नमेंट ने कई तरह की योजनाएं बनाई हैं जिसमें इन स्टार्टअप्स को फंडिंग(Funding), पिचिंग(Pitching) और अन्य प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं|
आपको ऐसी ही कुछ फंडिंग योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जाएगा जो आपके स्टार्टअप या बिज़नेस के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी|
1. मल्टीप्लायर ग्रांट्स स्कीम (MGS Funding)
डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एन्ड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने मल्टीप्लायर ग्रांट्स स्कीम लागू की। एम.जी.एस. का उद्देश्य आर & डी इस्टीट्यूशन्स फॉर डेवलपमेंट आफ प्रोडक्ट्स एंड पैकेजेज को बढ़ावा देना है।
यह स्कीम स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, एकेडमिक एस्केलेटर प्रोजेक्ट्स इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के लिए योग्य है।
व्यक्तिगत उद्योग के लिए प्रति प्रोजेक्ट अधिकतम दो करोड़ की फंड राशि व समय 2 वर्ष निश्चित किया गया है। उद्योगों के लिए चार करोड़ फंड राशि व समय 3 वर्ष निश्चित है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://www.meity.gov.in/content/multiplier-grants-scheme
2. एस्पायर स्कीम (ASPIRE Funding)
स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ इनोवेशन रूरल इंडस्टरीज एंड एंटरप्रेन्योरशिप, मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के द्वारा लांच की गई।
एस्पायर, आजीविका पर आधारित बिजनेस इंक्यूबेटर्स और टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर्स को स्थापित करने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट करती है।
एस्पायर का मुख्य उद्देश्य नया रोजगार स्थापित करना, बेरोजगारी को कम करना है और भारत में एंटरप्रेन्योरशिप कल्चर को बढ़ावा देना है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://www.startupindia.gov.in/content/sih/en/government-schemes/aspire-scheme-promotion-innovation-entrepreneurship-and-agro-industry.html
3. स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS)
इस स्कीम में स्टार्टअप्स को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, प्रोडक्ट ट्रायल, मार्केट एंट्री और व्यावसायीकरण के आधार पर फाइनेंशियल सपोर्ट किया जाता है।
भारत में योग्य इंक्यूबेटर्स द्वारा योग्य स्टार्टअप्स को सीड फंड (Funding) बांटा जाएगा। इनक्यूबेटर्स व स्टार्टअप्स साल भर के लिए “कॉल फॉर एप्लीकेशन” कर सकते हैं। प्रत्येक स्टार्टअप एक साथ तीन इनक्यूबेटर्स पर आवेदन कर सकता है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://seedfund.startupindia.gov.in/
4. स्टार्टअप इंडिया इनिशिएटिव
इस स्कीम को 16 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था। स्टार्टअप इंडिया इनीशिएटिव ने एंटरप्रेन्योर्स को सपोर्ट करने, एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने और भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले देश में बदलने के उद्देश्य से कई प्रोग्राम शुरू किए है।
इन प्रोग्राम्स का मैनेजमेंट एक समर्पित स्टार्टअप इंडिया टीम द्वारा किया जाता है जो डिपार्टमेंट फॉर इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (DPIIT) को रिपोर्ट करती है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://www.startupindia.gov.in/content/sih/en/about-startup-india-initiative.html
5. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 8 अप्रैल 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई। यह नॉन कॉपरेट, नॉनफार्म, स्मॉल/माइक्रो एंटरप्राइजेज को 10 लाख तक का ऋण (Funding) प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://www.mudra.org.in/
6. अटल इनोवेशन मिशन (AIM)
अटल इनोवेशन मिशन देशभर में इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग द्वारा स्थापित एक प्रमुख पहल है। अटल इन्नोवेशन मिशन का उद्देश्य स्कूल, यूनिवर्सिटी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशंस पर देश भर में इनोवेशन फॉर एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम बनाना व उसको बढ़ावा देना है।
दो मुख्य कार्य :-
• स्वरोजगार और प्रतिभा के उपयोग के माध्यम से एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना, जहां इन्नोवेटर्स का सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर्स बनने के लिए सपोर्ट व मार्गदर्शन किया जाएगा।
• एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करना जहां इनोवेटिव आइडियाज पैदा होते हैं।
यहाँ से करे अप्लाई – https://aim.gov.in/
7. डेयरी प्रोसेसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड ( DIDF )
यूनियन बजट 2017-18 की घोषणा के परिणामस्वरुप डेयरी प्रोसेसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की स्थापना नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट ( नाबार्ड ) के साथ 3004 करोड रुपए के कोष (Funding) के साथ की गई। यह प्रोजेक्ट मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट्स और मशीनरी को आधुनिकीकरण करने और अधिक दूध के लिए अतिरिक्त आधारभूत संरचना का निर्माण करने पर आधारित है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://dahd.nic.in/didf
8. मॉडिफाइड स्पेशल इंसेंटिव पैकेज स्कीम (M-SIPS)
MSIP योजना इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल इंसेंटिव पैकेज देती है। मूल रूप से 29 इलेक्ट्रॉनिक वर्टिकल को इस स्कीम के तहत कवर किया गया था और 2015 के संशोधन के बाद इसे अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया गया। योजना के तहत प्रोत्साहन पूंजीगत व्यय के लिए सब्सिडी (Funding) के रूप में है। विशेष आर्थिक क्षेत्रों सेज (SEZ) में निवेश के लिए सब्सिडी 20% है और गैर सेज (SEZ) मे 25% है।
यह गैर सेज इकाइयों के लिए पूंजीगत उपकरणों के लिए सीवीडी/उत्पाद शुल्क की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान करता है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://www.meity.gov.in/esdm/incentive-schemes
9. सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्कीम
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के डेवलपमेंट और एक्सपोर्ट के लिए 100% एक्सपोर्ट ओरिएंटेड योजना है, जिसमें कम्युनिकेशन लिंक्स और फिजिकल मीडिया का प्रयोग कर प्रोफेशनल सर्विसेज का एक्सपोर्ट शामिल है।
यह योजना अपनी प्रकृति में अनोखी है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है।
यहाँ से करे अप्लाई – https://www.startupindia.gov.in/content/sih/en/government-schemes/software-technology-park-scheme.html
10. वेंचर कैपिटल असिस्टेंट स्कीम (VCAS)
वेंचर कैपिटल असिस्टेंट स्कीम SFAC द्वारा प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए कैपिटल की आवश्यकता की कमी को पूरा करने के लिए योग्य परियोजनाओं को प्रदान किए गए इंटरेस्ट फ्री लोन के रूप में फाइनेंशियल सपोर्ट है। यह स्कीम फाइनेंशियल भागीदारी के माध्यम से कृषि व्यवसाय परियोजनाओं की स्थापना में इन्वेस्ट करने के लिए एग्रीप्रीन्योरर्स की सहायता करती है।
प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फैशिलिटी (PDF) के माध्यम से बैंक योग्य डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स (DPRs) तैयार करने के लिए फाइनेंसियल सपोर्ट प्रदान करती है।
यहाँ से करे अप्लाई – http://sfacindia.com/VCA_Scheme.aspx
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