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Friday, July 26, 2024
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डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति :-

आज भारत में 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंति मनाई जा रही है।डॉ. भीमराव अम्बेडकर को तथा कथित दलित लोग अपने समाज सुधारक या आदर्ष मान कर उनके जन्मदिवस को खासतौर पर मनाते है और मनाना भी चाहिए।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति

डॉ. भीमराव अम्बेडकर ( Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति | लेकिन क्या भारत के इन महापुरूषों (डॉ. भीमराव अम्बेडकर)जातिगत या सामाजिक आधार पर बांट कर महापुरूषों का वर्गीकरण कर उनकी जयंति और निर्वाणदिवस को मनान कहां तक सही है इसका आंकलन उस स्थिति में होता है जब इस वर्गीकरण के कारण देष और प्रदेष के वर्गीकरण हो जाते है।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति | आज हम बात करते है 15 अगस्त 1947 से एक दिन पहले की। 14 अगस्त 1945 को भारत के दो टुकडे हुऐ जिन्हे पुर्वी पाकिस्तान और पष्चिमि पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। क्या आजादी की लडाई में हिन्दू मुस्लमान के आधार पर लडाई लडी गई थी जिसका परिणाम हिन्दू मुस्लमान के रूप में मिला।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति | खैर आज हमारे इन सवालो का काई जवाब नही साथ ही बता दे की आज यह चर्चा क्यो हुई। हम बाजार में चाय की दुकान पर बैठ कर चाय पी रहे थै और मेरे एक सहपाठी मेरे पास आया और मेरी और हाथ बढाते हुए बोला आज तो ’’आज तो जय भीम बोल दे ‘‘(डॉ. भीमराव अम्बेडकर) मै सन्न रह गया।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति | और सोचने पर मजबूर हो गया क्या भारत आज देष अखण्ड है। (डॉ. भीमराव अम्बेडकर)हो सकता आने वाले समय मेे फिर से कोई 10 इंडियन एग्रीटेक जैसी घटना फिर से दौहराई जा सकती है जिसका आधारा दलित और स्वर्ण भी हो सकता है।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति | डॉ भीमराव अम्बेडकर जिस संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष थे उन्होने भारत का संविधान लिखा था ना की किसी जाति या समुदाय के सविधान का निर्माण डॉ भीमराव अम्बेडकर ने या संविधान निर्माण समिति ने लिखा था।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar) की जयंति | भारत आज विष्व का सबसे बडी लोकतांत्रिक व्यवस्था है इसके साथ ही सबसे बडी बात यह है विष्व का एक मात्र ऐसा देष है जहां हर धर्म समुदाय का सम्मान किया जाता है फिर उस स्थिति में क्या महापुरूषों (डॉ. भीमराव अम्बेडकर) को जाति विषेष से जोड कर धर्मनिरपेक्ष देष में साम्प्रदायकता फैलाना कहां तक जायज है।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr.Bhim Rao Ambedkar)

डॉ. भीम राव अम्बेडकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे। वह भारतीय संविधान निर्माण के मुख्य लेखकों में से एक थे और भारत के पहले न्याय मंत्री भी थे।

उन्होंने भारतीय राज्य और समाज के लिए कई महत्वपूर्ण संशोधन और सुधारों के लिए लड़ाई की।

उन्होंने अपने जीवन में समाज, धर्म, न्याय और नागरिकता के मुद्दों पर काफी विचार किए और इन मुद्दों को समाज में सुधार करने के लिए समर्पित थे।

वे भारत के निर्माता में से एक माने जाते हैं और उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में हैं।

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