ज्यादातर कारोबारों को अपनी उद्यमिता की यात्रा के दौरान कभी न कभी इस सवाल से जुझना पड़ता है। अगर इसका जवाब हाँ है, तो अगला सवाल आता है कि कब बेचें गैटफाईव के मैनेजिंग पार्टनर श्री आनंद संघवी इन सवालों के जवाब में अपने विचार प्रस्तुत कर रहे है।
जिस कारोबार को आपने इतनी मेहनत से खडा किया उसे बेचना बेहद संवेदनशील होता है और अगर इसे गलत कारण से या गलत समय पर बेचना पडे तो यह फैसला और भी दर्दनाक हो जाता है। कारोबार से बाहर निकलने के लिये दोनों मालकों का ठीक होना जरूरी है।
यहां हम कुछ ऐसे पहलु लेकर आऐ है, फैसला लेने से पहले इन पर विचार जरूर कर लेना चाहिए।
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क्या यह बेचने के लिए सही समय है?
एक कारोबार को बेचने के फैसले कम नहीं आंका जा सकता। एक कारोबार को खडा करने में आप ने जीतोड मेहनत की होती है ऐसे में मुनाफा दे रहे कारोबार को बेचने बेहद मुश्किल फैसला हो सकता है। आमतौर पर एक कारोबार को बेचने की तैयारी में भी पूरी योजना की जरूरत होती है इसलिये अगर आज अपने कारोबार को बेचना चाहते है तो सबसे पहले इस बात पर विचार करें कि अभी क्यो और दस साल बाद क्यो नहीं ? बेचने का समय पहले से तय की गई योजनाओं व्यक्तिगत घटना के चलते ही कारोबार बेचने या अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लेते है जैसे परिवार में मृत्यु स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं या तलाक।
व्यक्तिगत समस्याओं के चलते जल्दबाजी मे कारोबार बेचने के फैसले का परिणाम निराशाजनक हो सकता है क्याकि इससे कारोबार से जुडे सभी पहलुओं को सही रूप मे रखने का समय नहीं मिल पाता। संचालन और नकद प्रवाह में सुधार लाऐ बिना इसे बेचने का फैसला निराशाजनक परिणाम ही देता है। एक कम्पनी में अगर नकद प्रवाह अच्छा नहीं है और इसके लिये खरीददार नहीं मिल रहा तो मालिक को जबरन लिकिडेट करने का फैसला लेना पडता है जिसके चलते कीमत पर अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता। अक्सर देखा जाता है कि कारोबार का एक छोटा सा हिस्सा बेचने का फैसला लिया जाता हैं।
अगर आपकी कम्पनी बिक्री के लिये तैयार है तो कौन से पहलुओं पर विचार करें
निष्पक्ष मूल्यांकन पर ध्यान दे – कारोबार के मालिक अपने कारोबार को लेकर अक्सर अदूरदर्शी होते है। कारोबार के प्रति अपने जुनुन को इसकी क्षमताओं और कमजोरियों पर हावी न होने दे। बिजनेस मॉडल बाजार की मौजूदा दरों और कारोबार के स्वास्थ्य का मूल्याकंन करें। अच्छा रिटर्न पाने के लिये कारोबार के मालिक को यम सुनिश्चित करना चाहिए कि पिछले सालों के दौरान कम्पनी ने अच्छा विकास किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा खरीददार कारोबार को खरीदने के लिये आकर्षित हो। इसके अलावा कम्पनी में हाल ही में हुऐ लेन-देन कम्पनी का अनुकूल संचालन वातावरण सस्ती ऋण फाईनेसिंग का प्रभाव भी कम्पनी के मूल्याकंन पर पडता है।
जब एक कारोबार संस्थापक के दृलिकोण को आगे बढ़ाता है – संस्थापक के दृष्टिकोण के दायरे से आगे बढकर भी कारोबार का विकास जारी रह सकता है।छोटी सी टीम से शुरूआत करने के बाद कंपनियां आगे बढकर दर्जनों और सैंकडो कर्मचारियों के साथ कई कलइंट्स की प्रतिबद्धता सबसे बडी चुनौती होती है।मैनेजर और कर्मचारियों को काम सौपने के बावजूद संस्थापक के लिए समय निकालना मुश्किल हो सकता है। ऐसी स्थिति में संस्थपक को हर दिन बडे फैसले लेने के बजाए अपनी हिस्सेदारी बेजने पर विचार करना चाहिए।
बाजार की प्रतिकूल परिस्थितियां – अगर आपको ऐसी परिस्थितियां दिखाईं दे जो आपके कारोबार के लिए घातक हो सकती हैं, तो समय आ गया है कि आप इसे छोडने की योजना बना लें। हो सकता है कि आपके पास समय कम हो, लेकिन तैयारी शुरू कर दें। उदाहरण के लिए मुवी थिएटर चेन कोस्ट्रीमिंग सर्विसेज पर विचार करना चाहिए, वही टैक्सी कारोबार कोराइड-हेलिंग सर्विस के बारे में सोचना चाहिए।
साझेदारी के अवसर – अगर अकेले कारोबार को आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण लग रहा है तो साझेदारी पर विचार करें।आप बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखने हुए मार्केट शेयर बनाने के लिए अपने प्रतिद्वन्द्वी के साथ साझेदारी कर सकते है। किसी दूसरी कंपनी में विलेय या अधिग्रहण के कई फायदे होते है, जैसे प्रतिस्पर्धा खत्म होना और उपभौक्ताओं को अधिक कीमत पर उत्पादों की क्रॉसबिक्री के साथ उत्पादन की कम लागत के साथ बचत।
अनुकूल तरीके से कारोबार छोडने के अवसर – कारोबार छोडने की रणनीति के सकारात्मक परिणाम भी हो सकते है।जब बाजार में उछाल हो, आप उद्योग जगत का ध्यान अपनी और आकर्षित करने में सफल हो जाएं तो आपको कम्पनी बेचने से लाभ होगा। उदाहरण के लिए एक टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप जो मुनाफा कमाने के लिए जूझ रहा है, इसे सिीबडी कम्पनी जैसे फेसबुक/गूगल/माइक्रोसॉफ्ट से लुभावना ऑफर मिलता है, तो उसे कारोबार बेचने की रणनीति बना लेनी चाहिए।
बेचने की तैयारी
फाइनैश्यिल पहलुओं को क्रम में लगाएं – भावी खरीददार ब्रोकर और वकील आदि कंपनी के फाइनैश्यिल स्टेटमेन्ट्स देखेगे। इसलिए जरूरी है कि आप बेचने के लिए सभी फाइनैश्यिल दस्तावेज तैयार कर लें। पिछले तीन सालों की टैक्स रिटर्न, फाइनैश्यिल स्टेटमन्ट जैसे इंकम स्टेटमेन्ट, बैलेन्सशीट, कैश फ्लो का स्टेटमेन्ट तैयार रखें।
कम्पनी की वैल्यूएशन रिपोर्ट तैयार करें – थर्ड पार्टी वेल्यूएशन द्वारा कम्पनी का मूल्याकंन किया जाता है।इसके लिए प्राथमिक तरीके अपनाए जाते है जैसे लागत दृष्टिकोण, बाजार दृष्टिकोण और भीतर मूल्य दृष्टिकोण (इसमें डिस्काउन्टेड कैश फ्लो वैल्यूएशन मॉडल का उपयोग किया जाता है।) इसके लिए एक अनुभवी मूल्यांकनकर्ता को सभी दस्तावेज इकट्ठा करने चाहिए और विस्तृत जानकारी के साथ रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।अगर आप पेशेवर मूल्याकनकर्ता नहीं चुनना चाहते तो आप खुद यह काम कर सकते है।
एक कारोबार सलाहकार से संपर्क करें- कारोबार का मालिक अपने कारोबार को खुद बेचने का फैसला ले सकता है, लेकिन ब्रोकर को चुनना बेहतर होगा। ब्रोकर सभी कामों में मदद करेगा जैसे जरूरी दस्तावेज करना, मोलभाव, फाइनैसिंग के विकल्पो के बारे में जानकारी और आश्वासन देना। ब्रोकर कमीशन पर काम करते हैं, इसलिए कारोबार के मालिक को पहले से कीमत और काम में लगने वाले समय के बारे में बात कर लेनी चाहिए।
अंतिम पहलु
कारोबार बेचने में सालों लग सकतें है, इसलिए आपको बेचने का कारण सोच लेना चाहिए। सेल या मर्जर के फैसले कई कारणों पर निर्भर करने हैं जैसे बाजार की मौजूदा परिस्थितियां, सेल की कीमत, साझेदारी के अवसर आदि। अगर कारोबार का मालिक कारोबार बेचने का फैसला लेता है, तो उन्हें अनुकूल और सही प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
आनंद संघवी, मैनेजिंग पार्टनर, गैटफाईव